छठ पर कारोबार 1000 करोड़ के पार, हर चार में तीन घरों में हो रहा महापर्व

Oct 27, 2025 - 04:30
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छठ पर कारोबार 1000 करोड़ के पार, हर चार में तीन घरों में हो रहा महापर्व
सूर्योपासना के महापर्व छठ में इस बार 13 लाख से अधिक प्रवासी बिहारी सिर्फ ट्रेन से छठ मनाने अपने गांव-शहर पहुंचे हैं। रेलवे के अनुसार दीपावली से छठ तक रेगुलर और स्पेशल मिलाकर 2200 फेरे चलाने का लक्ष्य है। इसमें अप और डाउन दोनों शामिल हैं। 1500 से अधिक फेरे चलाए जा चुके हैं। ट्रेन से अप-डाउन मिलाकर 26.64 लाख लोग सफर करेंगे। इसके अलावा बस, फ्लाइट और निजी वाहनों से भी लोग छठ मनाने आ रहे हैं। इस बार छठ पर कारोबार भी 1000 करोड़ पार कर चुका है। एसोचैम के अध्यक्ष विवेक शाह के अनुसार छठ महापर्व पर बिहार में 1000 करोड़ से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है। पर्व करने वालों की संख्या बढ़ने से कारोबार का स्तर भी बढ़ रहा है। इस व्रत के दौरान व्रतियों की साड़ी के साथ ही परिवार के सदस्यों के लिए नए वस्त्र की महत्ता है। फलों से लेकर लोकल सामग्री की मांग होने से इस दौरान छोटे-बड़े सभी कारोबार बढ़ जाते हैं। पटना में 80 प्रतिशत घरों में छठ : बिहार के जनमानस में छठ महापर्व इस तरह रचा-बसा है कि इसे शब्दों में बयान करना संभव नहीं। मान्यता है कि जो एक बार छठ व्रत आरंभ करता है, वह तब तक इसे नहीं छोड़ता जब तक अगली पीढ़ी इसे ग्रहण न कर ले। अपवाद स्वरूप परिवार में शोक आदि पर राज्य के कुछ इलाके में लोग व्रत नहीं करते। अगले साल फिर छठ करते हैं। पटना में इस बार 70 से 80 प्रतिशत घरों में छठ पूजा हो रही है। वैश्विक पर्व : अमेरिका से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड तक गूंज रहे छठ गीत छह महीने के बराबर चार दिनों में बिकते हैं फल पटना फ्रूट एंड वेजिटेबल एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत प्रसाद के अनुसार छठ के चार दिनों में जितना फल बिकता है, उतना बाकी छह महीनों में भी नहीं बिकता। इस बार पटना में 300 ट्रक सेब, 200 ट्रक केला, 50 ट्रक संतरा-कीनू, 25 ट्रक नाशपाती, 30 ट्रक अनानास, 150 ट्रक नारियल और अन्य फलों के 100 ट्रक आए हैं। बिहार से बाहर बसे लोग जहां भी हैं, वहीं छठ मना रहे हैं। दिल्ली में यमुना किनारे, मुंबई के समुद्र तटों, नोएडा-गुरुग्राम की सोसाइटियों और विदेशी धरती पर भी छठ महापर्व की छटा छाई है। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड, फिजी, मॉरीशस, थाईलैंड, सिंगापुर, दुबई और कनाडा तक छठ की भव्यता पहुंच चुकी है। इस तरह छठ सिर्फ पूजा नहीं यह परिवार, समाज और संस्कृति का संगम है। यह आस्था, अनुशासन और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक है। हर बार की तरह इस साल भी बिहार यह साबित कर रहा है कि छठ बिहार की आत्मा में बसता है और यह प्रकाश पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है।

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