कैंसर व हृदय रोग जैसी बीमारियों से पीड़ितों का मेदांता अस्पताल में मिल रहा मुफ्त इलाज
सिटी रिपोर्टर | शेखपुरा गंभीर बीमारियों से जूझ रहे गरीब मरीजों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। सदर अस्पताल शेखपुरा के सहयोग से पटना स्थित मेदांता हॉस्पिटल में अब तक 85 मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा चुका है। यह सुविधा 16 जुलाई 2024 से शुरू हुई थी और इसके तहत हृदय रोग, न्यूरो, किडनी तथा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज मेदांता के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा नि:शुल्क किया जा रहा है। सदर अस्पताल प्रबंधक धीरज कुमार ने जानकारी दी कि यह योजना बिहार सरकार और मेदांता अस्पताल के बीच हुई साझेदारी का हिस्सा है। पूरे बिहार के 26 जिलों के मरीजों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है, जिसमें शेखपुरा जिला भी शामिल है। इस सुविधा का लाभ उन्हीं मरीजों को मिलेगा जिनकी सालाना आय ढाई लाख रुपए से कम है। उन्होंने बताया कि अब तक भेजे गए मरीजों में सर्वाधिक संख्या हृदय रोग और कैंसर पीड़ितों की रही है। वर्तमान में दो मरीजों का इलाज पटना मेदांता में चल रहा है, जबकि 37 मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार हो चुका है। योजना के तहत हर महीने के पहले बुधवार को मेदांता के ह्रदय रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ सुमन प्रकाश शेखपुरा सदर अस्पताल आते हैं। यहां हृदय रोग से पीड़ित मरीजों की मुफ्त जांच की जाती है और उन्हें दवा व परामर्श दिया जाता है। यदि किसी मरीज की स्थिति गंभीर पाई जाती है तो उसे सीधे पटना रेफर किया जाता है। इसके लिए अस्पताल से मेदांता को पत्र भेजा जाता है, वहां रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज के परिजनों को फोन कर इलाज की तारीख और समय बताया जाता है। शेखपुरा सदर अस्पताल से रेफर मरीजों का मेदांता में निःशुल्क इलाज किया जाता है। अगर किसी मरीज को मेदांता में फीस चुकानी पड़ रही है तो मेदांता अस्पताल प्रशासन से इलाज का गाइडलाइन का पता किया जायेगा-धीरज कुमार, अस्पताल प्रबंधक, शेखपुरा पिछले एक साल से अपने एक वर्षीय पुत्री का इलाज पटना के मेदांता में इलाज कराने वाली डीहकुसुम्भा निवासी सोनी कुमारी ने बताया कि उनकी एक वर्षीय पुत्री के दिल में जन्म से ही छेद है। पिछले साल सदर अस्पताल में प्रसव के बाद ही उनकी पुत्री की तबियत बिगड गई। अस्पताल के चिकित्सकों ने जाँच के बाद उनकी पुत्री को ह्रदय रोगी बताया और पटना के मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया। जाँच के बाद चिकित्सकों ने उनकी पुत्री के दिल में छेद बताया। दो महीने तक निःशुल्क जाँच व इलाज किया गया। जिसके बाद उन्हें पिछले 10 महीने से जाँच व इलाज के लिए पैसे का भुगतान करना पड़ रहा है। सोनी ने बताया कि वो गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है और अपनी पुत्री के इलाज के लिए मायके और ससुराल, दोनों जगह से मदद लेनी पड़ रही है। मेदांता के चिकित्सकों ने पुत्री को ऑपरेशन करने की सलाह दी है किन्तु वजन कम रहने के कारण ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है और न अपनी पुत्री का ऑपरेशन कराने के लिए उनके पास पैसे हैं। गरीबों के लिए फायदेमंद साबित हो रही योजना स्वास्थ्य विभाग की यह पहल गरीब और कमजोर वर्ग के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। ऐसे लोग जो आर्थिक तंगी की वजह से महंगे इलाज का खर्च नहीं उठा पाते थे, अब आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का लाभ निःशुल्क ले पा रहे हैं। अस्पताल प्रबंधक धीरज कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में इलाज के दौरान किडनी, ह्रदय, कैंसर जैसे बीमारियों से ग्रसित मरीज मिलने पर एक प्रक्रिया के तहत सदर अस्पताल के चिकित्सक ही मरीजों को पटना के जयप्रभा मेदांता अस्पताल रेफर कर देते हैं ताकि ससमय इलाज मिलने पर मरीजों जान बचाई जा सकें।
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