कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री जयंत कुशवाहा ने दीप प्रज्वलित कर किया, 500 मरीजों ने कराया इलाज
भास्कर न्यूज| अमरपुर अमरपुर विधानसभा क्षेत्र में पहली बार जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटना की टीम ने निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री जयंत राज कुशवाहा ने दीप प्रज्वलित कर किया। यह शिविर अमरपुर के सम्राट अशोक भवन में लगाया गया, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने सुबह 10 बजे से मरीजों की जांच शुरू की। शिविर में हृदय रोग, कैंसर, स्त्री रोग, न्यूरोलॉजी, किडनी रोग, ब्लड डिजीज और जनरल फिजिशियन के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सैकड़ों मरीजों का परामर्श और जांच किया। करीब 500 मरीजों को निःशुल्क परामर्श और दवाएं उपलब्ध कराई गईं। खासकर महिलाओं और बुजुर्गों की भारी उपस्थिति देखने को मिली। भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने कहा कि यह अमरपुर विधानसभा के लिए गर्व की बात है कि मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की टीम यहां निःशुल्क सेवा देने पहुंची है। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार बीपीएल धारकों का खर्च वहन करती है, जिन्हें इलाज के लिए मेदांता रेफर किया जाता है। इस कैंप का उद्देश्य आम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। शिविर में मेदांता हॉस्पिटल की टीम से डॉ. संतोष कुमार, डॉ. प्रिया, डॉ. अपूर्व आनंद सिंह, डॉ. कुमार राहुल रोहित और डॉ. सोनम शामिल रहे। वहीं स्थानीय स्तर पर सिविल सर्जन डॉ. अनीता कुमारी, डीपीएम बांका और अमरपुर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुनील चौधरी मौजूद रहे। शिविर की सफलता में प्रशासनिक अधिकारियों का भी योगदान रहा। मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रतिक राज, थाना प्रभारी पंकज कुमार झा और कार्यपालक अधिकारी रविशंकर सिंह उपस्थित थे। इस शिविर के सफल आयोजन में एनडीए के कार्यकर्ता मौजूद थे। जिला अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह, नगर अध्यक्ष सौमित्र चटर्जी, जदयू नेता प्रशांत कापरी,मनीष झा, उदय सिंह, जनार्दन मांझी ,गौतम मोदी ,नवीन वैघ, अमित कुमार, द्वारिका मिश्रा, संजय मंडल, गणेश लाल दास ,शिबू भगत, छोटू भगत, भाजपा नेता सुमन सौरव मौर्य, अल्पसंख्यक प्रदेश महासचिव नईम राजा, सुरेंद्र सिंह, बिमल सिंह मौजूद थे। सिटी रिपोर्टर | भागलपुर खलीफाबाग चौक स्थित आनंदराम ढांढ़निया स्कूल में राष्ट्र सेविका समिति के 90 वर्ष पूर्ण होने एवं विजयादशमी उत्सव को लेकर शुक्रवार को कार्यक्रम हुआ। इस दौरान अखिल भारतीय सह कार्यवाहिका सुनीता हाल्देकर ने अपने बौद्धिक में कहा कि नारियों का एकमात्र परम उद्देश्य राष्ट्र निर्माण है। उन्हें राष्ट्र सेवा बनाने का लक्ष्य दिया। उन्होंने कहा कि हम स्त्रियां अपने समाज की धुरी हैं। हम राष्ट्र निर्माण की शुरुआत अपने परिवार व समाज से करते हैं। हम शक्ति संपन्न हैं,मां भवानी का प्रतिरूप हैं। हमें दिशाहीन विवेकहीन नहीं होना है। नारी शक्ति और राष्ट्र भावना के महत्व पर कहा कि संस्कृति का संरक्षण व संवर्धन करने का सभी महिलाएं संकल्प लें।हमें एक नव भारत का निर्माण करना है जो पूर्व की भांति हर ओर से परिपूर्ण हो। हम देश हित में प्राण देने वाले ललनाओं की जननी हैं। एक स्त्री को अपने अस्तित्व का सम्मान करना चाहिए और अपना सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र निर्माण में लगाना चाहिए। इसके बाद सभी बहनों ने भामाशाह चौक से होते हुए, कोतवाली चौक, स्टेशन रोड, वेरायटी चौक होते हुए पुनः भामाशाह चौक तक पथ संचलन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आशा ओझा ने किया। उन्होंने कहा कि नारी को अपने भीतर की शक्तियों को पहचानने की जरुरत है। मुख्य शिक्षिका के रूप में सेविका निवेदिता ने अपने अनुभव साझा किए। सिटी रिपोर्टर| भागलपुर बिहार योग विद्यालय के स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हठयोग और मानसिक स्वास्थ्य के लिए राजयोग आवश्यक है। वर्तमान समय में लोग शारीरिक के साथ मानसिक रूप से भी अस्वस्थ चल रहे हैं। योग की उपलब्धि मनुष्य के कर्म, बुद्धि और जीवन शैली में दिखती है। कर्म को धर्म से कभी अलग नहीं करना चाहिए। चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से द्वारिकापुरी कॉलोनी स्थित श्याम कुंज में शुरू हुए तीन दिवसीय सत्संग एवं योगाभ्यास कार्यक्रम में स्वामी निरंजनानंद सरस्वती बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अभी तक मानसिक रोगों का उपचार चिकित्सा विज्ञान में नहीं हुआ है। मानसिक रोग वाले कोई दवाई खाते हैं तो उसका असर दवाई के पावर तक ही रहता है। पावर खत्म होते ही मन विचलित और अशांत होने लगता है। चिंता करने से मानसिक बीमारियों का दरवाजा खुलता है। चिंता होने पर कोई भी काम से नहीं होता। जब हमारे गुरुजी से किसी व्यक्ति ने सवाल किया कि क्या योगाभ्यास करने से कैंसर का इलाज संभव हो सकता है। इसपर गुरुजी ने अध्ययन करते हुए उन्हें नियमित योग करने की सलाह दी। एक वर्ष तक नियमत रूप से चार तरह के योग ने उन्हें कैंसर से मुक्ति दिलाई। इसलिए शत प्रतिशत नियम के तहत योगाभ्यास करने से सभी बीमारियों का उपचार संभव है। उन्होंने कहा कि मनुष्य की इंद्रियां सीमित हैं, जानवर की असीमित।
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