इतनी जल्दी में बिहार जनगणना का होना तो सिर्फ एक ही ओर इशारा कर रहा है।
लोक सभा चुनाव के पहले प्रतिद्वंदी पार्टी को कन्फ्यूज करना। ताकि कितने वोट किस जाती के हैं ये उन्हें सही से पता न चल सके।

इतनी जल्दी में बिहार जनगणना का होना तो सिर्फ एक ही ओर इशारा कर रहा है। लोक सभा चुनाव के पहले प्रतिद्वंदी पार्टी को कन्फ्यूज करना। ताकि कितने वोट किस जाती के हैं ये उन्हें सही से पता न चल सके। ज़रा सोचिए, ये अपने आपमें कितनी हास्यादपद बात है, कोई भी नेता या पॉलिटिकल पार्टी 100% कॉन्फिडेंट हैं की बिहार में वोट जाती के आधार पे मिलता है काम के आधार पे नहीं। इसलिए आप सभी जनता से हमारे चैनल का अनुरोध है। कृपया अपनी बहन और बेटियों के लिए, लड़का चुनने में या अपने बेटे या भाइयों के लिए, लड़की चुनने के लिए जात को ध्यान में, रखें नेता चुनने में नहीं। इस बार दिखा दीजिए, काम होगा तो वोट मिलेगा नही होगा तो नही मिलेगा। बिहार में बेरोजगारी चरम सीमा पर है। पर एक भी बड़ी कम्पनी को बिहार में नही लाया गया। कोई कंपनी आना भी नही चाहता, क्योंकि यहां रंगदारी अभी भी है। सरकार के पास कॉरपोरेट्स के लिए कोई बेहतर पॉलिसी नहीं है। उन्हें जनता को मूर्ख बनाकर अपनी रोटी सेकनी हैं।
#बिहार #जनगणना #2022
विकास कुमार
ई-डिटर इन चीफ़
E-MEDIA, Mumbai.
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