नई दिल्ली. 23 साल के लंबे करियर में सिर्फ 68 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल पाने वाले कोच संजय भारद्वाज का मानना है कि उनके शिष्य के साथ पहुत ज्यादती हुई. न्यूज 18 हिंदी से बात करेत हुए संजय भारद्वाज ने कहा कि अमित का कोई गॉडफादर होता तो वो 100 टेस्ट भी खेल सकता था. 42 वर्षीय स्पिनर ने देश के लिए अपना पहला मुकाबला वनडे फॉर्मेट के तहत 13 अप्रैल साल 2003 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेल था. जहां टीम इंडिया को 153 रनों के बड़े अंतर से जीत मिली थी. बात करें डेब्यू मैच में अमित मिश्रा के प्रदर्शन के बारे में तो उन्होंने ब्लू टीम की तरफ से कुल पांच ओवरों की गेंदबाजी करते हुए 29 रन खर्च कर एक सफलता प्राप्त की थी. मैच के दौरान उनके शिकार नील मैकेंजी (12) बने थे. मैकेंजी को उन्होंने पार्थिव पटेल के हाथों कैच आउट करते हुए पवेलियन का रास्ता दिखाया था. अमित मिश्रा को भारतीय टीम में ज्यादा मौके प्राप्त नहीं हुए. मगर जब-जब उन्हें हुनर दिखाने का अवसर प्राप्त हुआ. उन्होंने सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया. देश के लिए वह कुल 68 इंटरनेशनल मैच खेलने में कामयाब रहे. इस दौरान उन्हें 84 पारियों में 156 सफलता हासिल हुई. अमित ने टेस्ट में 35.72 की औसत से 76, वनडे में 36 मैच की 34 पारियों में 23.63 की औसत से 64 और टी20 में 10 मैच खेलते हुए 10 पारियों में 15.0 की औसत से 16 सफलता हासिल की.