सांसद जावेद आजाद ने केंद्रीय मंत्री शेखावत से की मुलाकात:किशनगंज की पर्यटन धरोहरों को विकसित करने की मांग की

Dec 16, 2025 - 13:30
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सांसद जावेद आजाद ने केंद्रीय मंत्री शेखावत से की मुलाकात:किशनगंज की पर्यटन धरोहरों को विकसित करने की मांग की
किशनगंज की पर्यटन संभावनाओं को उजागर करने के लिए सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद आजाद ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जिले में पर्यटन उद्योग को गति देने और विकास योजनाओं पर फॉलो-अप का अनुरोध किया। सांसद ने एक पत्र के माध्यम से केंद्रीय मंत्री का ध्यान किशनगंज की अनदेखी सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदा की ओर आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि बिहार के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक होने के बावजूद, किशनगंज अपनी समृद्ध विरासत से भरपूर है। यहां की सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटन के लिए अपार संभावनाएं रखते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण स्थानीय समुदाय आर्थिक अवसरों से वंचित है। बहुमूल्य धरोहरों का संरक्षण भी सुनिश्चित करेगा डॉ. जावेद आजाद ने जोर देकर कहा कि पर्यटन विकास से न केवल जिले की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि यह बहुमूल्य धरोहरों का संरक्षण भी सुनिश्चित करेगा और रोजगार के नए द्वार खोलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा। किशनगंज के प्रमुख आकर्षणों का भी जिक्र किया सांसद ने किशनगंज के प्रमुख आकर्षणों का भी जिक्र किया। इनमें बड़ीजान दुर्गा मंदिर शामिल है, जो एक दुर्लभ दरगाह-मंदिर परिसर है और हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। वेणुगढ़ किला अपनी भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जो मुगलकालीन इतिहास को दर्शाता है। खगड़ा मेला धार्मिक उत्सवों का केंद्र है, जहां लोक नृत्य और हस्तशिल्प की झलक मिलती है। कदम और रसूल मजार आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं, जबकि ठाकुरगंज का भीमतकिया और शिव मंदिर प्राचीन कथाओं से जुड़े हैं। कोचाधामन का पीर स्थान सूफी परंपराओं का प्रतीक है। पक्षियों और जलजीवों की विविधता से समृद्ध हैं तीनों झील प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से, कछुदाह झील, मरामंडी झील और कटारामणि झील पक्षियों और जलजीवों की विविधता से समृद्ध हैं। ओढ़रा घाट और चिचोड़ाझार जंगल ट्रेकिंग और पिकनिक के लिए आदर्श स्थल हैं, जबकि रमजान (महानंदा) नदी का मनोरम तट पर्यटकों को आकर्षित करता है। सांसद ने इन सभी स्थलों को एक पर्यटन सर्किट में जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने इको-टूरिज्म, होमस्टे और सांस्कृतिक फेस्टिवल जैसी पहलों को शामिल करने की बात कही, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास हो सके।

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