पटना में आज नगर निकाय महासंघ की ओर से विरोध-प्रदर्शन किया गया। इनकम टैक्स चौराहे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा का पुतला फूंका। पटना मेयर सीता साहू ने कहा कि हमारे अधिकारों का हनन हो रहा है। अगर हम लोगों की मांगें पूरा नहीं की जाएगी तो हम लोग बिहार विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और सरकार का साथ नहीं देंगे। नगर पालिका अधिनियम में जो बदलाव किया गया है, उसे वापस ले लिया जाए। उन्होंने आगे कहा कि अभी हम लोग करनाल में गए थे और वहां पर 21 मेयर आईं थीं। वहां इतना अच्छा लगा, मगर बिहार कभी नहीं सुधरेगा। मैंने पटना के दशा और दिशा को बदल दिया। अगर पूरे इंडिया में मेयर का पद हटेगा तभी हम लोग हटेंगे और इस नियम को मानेंगे। बैठक के बाद निर्णय लेना चाहिए था वहीं, मेयर के बेटे शिशिर ने कहा कि नगर निकाय में अफसरशाही चरम पर है। महापौर और उपमहापौर को कहा जाता है कि वह अनियमितताएं करते हैं, मगर अफसर को क्यों नहीं कहा जाता? अगर स्टैंडिंग का चुनाव पार्षदों की ओर से किया जाएगा तो फिर मुख्यमंत्री भी मंत्री का चुनाव विधायक द्वारा करेंगे। जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल का गठन करते हैं तो मेयर भी अपने स्टैंडिंग कमेटी का गठन करती है। अगर विभाग को कुछ बदलाव भी करना था तो वह 10 मेयर और चेयरमैन के साथ बैठक करते और उसके बाद निर्णय लेते। सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों का चयन वोटिंग से कराने का आदेश दरअसल, नगर विकास और आवास विभाग ने पटना नगर निगम समेत राज्य के सभी नगर निकायों में सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों का चयन वोटिंग से कराने का आदेश जारी किया है। यह चुनाव डीएम की निगरानी में होगा। इस नए नियम के तहत छह महीने में सशक्त स्थायी समिति का गठन गुप्त मतदान से कराना है। इसको लेकर नगर निकाय महासंघ के बैनर तले राज्य के नगर निकायों के मेयर, मुख्य पार्षद, वार्ड पार्षद समेत जिला परिषद अध्यक्ष व सदस्य आंदोलन कर रहे हैं।