हिजाब विवाद- नियुक्ति पत्र बांटने का पैटर्न बदला:अब सिर्फ 3 लोगों को सिंबोलिक लेटर दिया जाएगा, लाइव स्ट्रीमिंग बंद, CM का कार्यक्रम छोटा किया गया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 दिसंबर को एक महिला डॉक्टर को नियुक्ति पत्र देते समय उसका हिजाब खींच दिया। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि नीतीश को मीडिया से दूरी बनानी पड़ी। महिला के साथ अटपटी हरकत के आरोपों के बीच बुधवार को नीतीश बोधगया पहुंचे। भगवान बुद्ध के आगे हाथ जोड़े नजर आए। इससे पहले कैमरे को देखकर दूर से ही हाथ उठाकर इशारा कर दिया। हिजाब विवाद के बाद सीएम के कार्यक्रम का पैटर्न बदला गया है। अब सिर्फ तीन लोगों को सिंबोलिक लेटर दिया जाएगा, लाइव स्ट्रीमिंग नहीं होगी, सीएम के कार्यक्रम छोटा किया जाएगा। कार्यक्रम के बाद में वीडियो और फोटो जारी किए जाएंगे। भास्कर की खास रिपोर्ट में जानें नए विवाद से बचने के लिए नीतीश कुमार ने क्या रणनीति अपनाई है। उनके कार्यक्रम में क्या बदलाव किए गए हैं। सबसे पहले ये दो तस्वीरें देखिए 1- भगवान बुद्ध की शरण में नीतीश कुमार बुधवार को नीतीश कुमार बोधगया पहुंचे। उन्होंने महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध का दर्शन किया। सीएम ने गया में बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) के 2 दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इसने बाद संवाद वाटिका, नक्षत्र वन, ब्रह्म योनि सरोवर का पुनर्जीवन, मोटर ड्राइविंग स्कूल और स्पेस गैलरी का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम के वीडियो और फोटो जारी किए गए। मीडिया को इंट्री नहीं थी। 2- सीएम ने 3 अभ्यर्थी को दिए नियुक्ति पत्र सीएम नीतीश को ऊर्जा विभाग के अंतर्गत बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों में भर्ती के लिए चुने गए 2390 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देना था। कार्यक्रम में सीएम ने सिर्फ 3 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए। इसके बाद अधिकारियों ने यह काम किया। इस कार्यक्रम में भी मीडिया को एंट्री नहीं मिली। सीएम नीतीश कुमार के कार्यक्रम का नया पैटर्न क्या है? हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद नीतीश कुमार के बैक-टू-बैक दो कार्यक्रम हुए। इनमें कई बदलाव दिखे। 3 पॉइंट में जानें नया पैटर्न… 1. चुनिंदा अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देना मुख्यमंत्री ने अपने कार्यक्रम को सीमित किया है। नियुक्ति पत्र वितरण जैसे कार्यक्रम में चुनिंदा अभ्यर्थियों को ही वह खुद नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। इसकी झलक ऊर्जा विभाग के कार्यक्रम में दिखी। सीएम नीतीश कुमार ने 3 अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र दिए। शेष अन्य अभ्यर्थियों को ऊर्जा विभाग के अफसरों ने नियुक्ति पत्र दिए। अब आगे भी नियुक्ति पत्र बांटने के कार्यक्रम में इसी पैटर्न पर काम होगा। 2. मीडिया की नो इंट्री आने वाले 5 साल में बिहार सरकार 1 करोड़ नौकरी-रोजगार देने जा रही है। इसका काफी प्रचार किया जा रहा है, लेकिन 2390 नियुक्ति पत्र बांटे जाने वाले कार्यक्रम में मीडिया की नो एंट्री कर दी गई। किसी मीडिया कर्मी को जाने नहीं दिया गया। यहां तक कि इसे टेलीविजन पर लाइव टेलीकास्ट कराने में रुचि नहीं दिखाई गई। विभागीय सूत्रों के अनुसार आगे भी कार्यक्रम का पैटर्न इसी तरह रखा जाएगा ताकि कोई विवाद बाहर न आ सके। 3. सोशल प्लेटफार्म पर नो लाइव स्ट्रीमिंग सरकार के हर विभाग को सोशल प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है, लेकिन सीएम नीतीश कुमार के कार्यक्रम का सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग ) नहीं किया गया। आईपीआरडी से लेकर पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव स्ट्रीमिंग बंद कर दी गई। इसके बदले सरकार की ओर से सीएम नीतीश कुमार के वीडियो और फोटो शेयर किए गए हैं। आने वाले दिनों में इसी तरीके से सीएम के कार्यक्रम का कवरेज होगा। क्यों बदला नीतीश कुमार का पैटर्न?, जानें एक्सपर्ट की राय राजनीतिक विश्लेषक संतोष कुमार ने कहा, ‘सीएम नीतीश कुमार को उनके उनके नवरत्न (चहेते अधिकारी) मीडिया और लोगों से दूर कर रहे हैं। वे नहीं चाहते कि सीएम लोगों से मिले।’ पुराने दिनों के याद करते हुए संतोष ने कहा, ‘नीतीश कुमार को आलोचना पसंद थी। कहते थे कि आप लोग हमें हमारी खामियां बताएं। वह रोज बुद्धिजीवियों के साथ बैठते थे। गपबाजी करते, दरबार लगाते।’ उन्होंने कहा, 'आज नीतीश को पॉजिटिव चीजों से दूर किया जा रहा। मीडिया बैन किया जा रहा है। इन सबके पीछे उनकी सेहत है। उनकी कार्यशैली को छिपाने के लिए यह सब हो रहा है।' बिहार के पूर्व डीजीपी अभ्यानंद ने कहा, ‘सीएम नीतीश कुमार के कई कार्यक्रम में उठा-पटक हो जा रहा। हिजाब हटाए जाने जैसी हरकत पर सवाल नहीं उठे, यह संभव नहीं है। वीआईपी को इस तरह का काम नहीं करना चाहिए।' डॉ. सहजानंद नीतीश की सेहत के सवाल पर कहते हैं, ‘सेहत को छोड़िए। काम फेस पर होता है। नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री बने रहना जरूरी है। इन्होंने राज्य का काफी विकास किया है। आप जब बिहार घूमते हैं तो पता चलता है कि कितना बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा, ‘रात-दिन कहीं घूमिए। कोई फर्क नहीं पड़ता है। हर तबका खुश है। बिहार को 100 साल ऐसे सीएम की जरूरत है। उनके फेस की जरूरत है। काम फेस पर होता है।’ अब जानिए सीएम नीतीश कुमार ने कब-कब अजीब काम किए 13 दिसंबर 2025: बिहार पुलिस अकादमी राजगीर में 1218 ट्रेनी दारोगा के दीक्षांत समारोह के दौरान सीएम नीतीश कुमार को परेड की सलामी लेनी थी। खुली जीप में सवार होना था। परंपरा के अनुसार उनके साथ केवल पुलिस महानिदेशक (DGP) जीप में मौजूद थे। जैसे ही मुख्यमंत्री जीप की ओर बढ़े, उनकी नजर मंच पर बैठे मंत्रियों पर पड़ी। उन्होंने सम्राट चौधरी की ओर इशारा करते हुए कहा, अरे आप भी आओ भाई...चलो ना। इसके बाद सम्राट जीप पर सवार हो गए। फिर नीतीश ने एक-एक कर 2 अफसरों से कहा, अरे चलिए ना भाई...आइए ना। कुछ देर बाद वे लोग भी जीप पर सवार हो गए। इसके बाद नीतीश ने संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार की ओर इशारा करते हुए कहा, अरे आप भी आइए, चलिए ना भाई। 20 नवंबर 2025: नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम बने। गांधी मैदान में उन्होंने पद की गोपनियता की शपथ ली। कार्यक्रम के खत्म होने के बाद CM नीतीश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोड़ने पटना एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान नीतीश PM मोदी के पैर छूने लगे। हालांकि, मोदी ने उन्हें रोक लिया था। 20 मार्च 2025: पटना के पाटलिपुत्र स्टेडियम में सेपक टकरा विश्व कप 2025 आयोजित किया गया था। उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान की घोषणा हुई। उसी समय नीतीश मंच से उतर गए। खिलाड़ियों से बात करने लगे। राष्ट्रगान बजा तो मुस्कुराते हुए अपने प्रधान सचिव से बात करते दिखे। मीडिया कर्मियों को नमस्ते किया। 18 जनवरी 2025: बेगूसराय में जीविका दीदियों से बात करते हुए कहा, 'पहले कोई लड़की कपड़ा पहनती थी ठीक। अब कितना बढ़िया हो गया। सब अच्छा कपड़ा पहन रहीं हैं। पहले नहीं बोल पाती थी। अब बहुत अच्छा है। जहां भी जाते हैं जीविका दीदी से बात करते हैं।' 30 जनवरी 2025: राष्ट्रपति महात्मा गांधी की याद में मौन रखने के बाद नीतीश कुमार अचानक ताली बजाने लगे थे। 8 मार्च 2025: नीतीश कुमार होली मिलन समारोह में भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद के पैर छूने लगे। 19 जून 2024: नालंदा में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी का हाथ पकड़कर उनकी हथेली देखने लगे। 15 अक्टूबर 2024: गांधी मैदान में रावण वध समारोह के दौरान रावण पर चलाने के लिए तीर और धनुष लिया, लेकिन अचानक फेंक दिया। 29 नवंबर 2024: मंत्री अशोक चौधरी विधानसभा में बोल रहे थे तभी उनके ब्रेसलेट से खेलने लगे।
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