मुजफ्फरपुर में डीएम ने लिपिक को किया सस्पेंड:आदेश का किया था उल्लंघन, जमीन के मालिक से अवैध राशि मांगी थी

Dec 7, 2025 - 01:30
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मुजफ्फरपुर में डीएम ने लिपिक को किया सस्पेंड:आदेश का किया था उल्लंघन, जमीन के मालिक से अवैध राशि मांगी थी
मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों में अनियमितताओं और लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया है। इसी क्रम में बागमती प्रमंडल, रुन्नीसैदपुर के निम्न वर्गीय लिपिक जितेंद्र प्रसाद कुशवाहा के निलंबन और विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। उन पर लापरवाही, आदेश उल्लंघन और भू-स्वामियों से अवैध राशि मांगने के आरोप प्रमाणित हुए हैं। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने जिलाधिकारी को सूचित किया था कि अर्जित भूमि के मुआवजा भुगतान के लिए भू-स्वामियों से अवैध राशि की मांग की जा रही थी। इसके अलावा, कार्यपालक अभियंता, बागमती प्रमंडल, रुन्नीसैदपुर ने भी पहले जितेंद्र कुशवाहा के खिलाफ आरोप पत्र गठित कर अधीक्षण अभियंता, बाढ़ नियंत्रण अंचल, सीतामढ़ी को भेजा था। शिवहर से सीतामढ़ी स्थानांतरण के बावजूद, कुशवाहा ने पुनर्वास से संबंधित महत्वपूर्ण अभिलेख उच्च अधिकारियों के कई बार याद दिलाने पर भी जमा नहीं किए। इसे उच्च अधिकारी के आदेश का उल्लंघन और सरकारी सेवक आचार नियमावली के विपरीत आचरण माना गया। डीएम ने विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की अधीक्षण अभियंता, बाढ़ नियंत्रण अंचल, सीतामढ़ी ने भी मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इन सभी गंभीर बिंदुओं पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग को लिपिक के निलंबन और विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है। इसके अलावा, साहेबगंज के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी रंधीर लाल पर वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप था। जांच में उन्हें दोषी पाया गया है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। इसी क्रम में नगर परिषद साहेबगंज के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी रंधीर लाल के खिलाफ भी कड़े कदम उठाए गए हैं। जेम पोर्टल के माध्यम से स्ट्रीट लाइट, रिफ्यूज कंपैक्टर, हाई मास्ट लाइट टावर और सीसीटीवी कैमरों की खरीद में घोर अनियमितता व सरकारी राशि के गबन करने की शिकायत जिलाधिकारी को मिली । मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी और जिला भविष्य निधि पदाधिकारी की त्रिसदस्यीय कमेटी गठित कर जांच कराई। उपलब्ध अभिलेख और साक्ष्यों के आधार पर जांच टीम ने रंधीर लाल को वित्तीय अनियमितताओं का दोषी पाया। इसके बाद जिलाधिकारी ने नगर विकास और आवास विभाग के सचिव को आवश्यक कार्रवाई करने की अनुशंसा भेजी है। जिला नियोजन पदाधिकारी से स्पष्टीकरण, वेतन स्थगित जिला नियोजन पदाधिकारी श्वेता वशिष्ठ के खिलाफ भी कार्यालय संचालन में लापरवाही और अनुशासनहीनता की शिकायतें मिलने पर जिलाधिकारी की ओर से सख्त कार्रवाई की गई है।अपर समाहर्ता राजस्व की ओर से 2 दिसंबर को 10:40 बजे कार्यालय निरीक्षण के दौरान वे कार्यालय से गैरमौजूद पाई गईं। जिलाधिकारी ने उनका वेतन अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। पूछा है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ निलंबन व अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की जाए।

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