मधेपुरा के सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों ने शुक्रवार की शाम मशाल जुलूस निकालकर अपनी नाराजगी जताई। यह जुलूस बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के आह्वान पर चरणबद्ध आंदोलन के तहत निकाला गया। शाम 6 बजे कला भवन परिसर से शुरू हुआ मशाल जुलूस बस स्टैंड होते हुए भूपेंद्र चौक तक पहुंचा। इस दौरान कार्यपालक सहायकों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उनका कहना था कि जब तक उनकी 11 सूत्री मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार पर सौतेले व्यवहार का आरोप कार्यपालक सहायकों का आरोप है कि वे वर्षों से मानदेय वृद्धि और सेवा स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुना कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनावी साल में सरकार ने संविदा पर काम करने वाले लगभग सभी कर्मियों के वेतन में डेढ़ से दो गुनी वृद्धि कर दी, मगर कार्यपालक सहायकों को इस लाभ से वंचित रखा गया। यह सौतेला व्यवहार है। चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया कि पहले चरण में बुधवार को कार्यपालक सहायकों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया। दूसरे चरण में शुक्रवार को मशाल जुलूस निकाला गया। आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा।उन्होंने कहा कि "यदि सरकार ने जल्द हमारी मांगों पर विचार नहीं किया, तो कार्यपालक सहायक उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।" ये हैं प्रमुख मांगें कार्यपालक सहायकों ने अपनी 11 सूत्री मांगों का ब्योरा भी दिया। इनमें प्रमुख हैं- “हम जनकल्याणकारी काम करते हैं, लेकिन अधिकार नहीं मिलते” कार्यपालक सहायकों ने कहा कि वे सरकार की योजनाओं और जनकल्याणकारी कामों को जमीन पर लागू कराने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके बावजूद उन्हें उचित वेतनमान और अधिकार नहीं दिए जाते। उन्होंने कहा "हमारा मनोबल टूट रहा है। यदि सरकार ने हमारी समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो जल्द ही पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा होगा।"