मधुबनी में 24 लाख गायत्री महामंत्र जाप संपन्न:विश्व शांति और सर्व कल्याण के लिए हुआ तीन दिवसीय महायज्ञ

Dec 16, 2025 - 20:30
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मधुबनी में 24 लाख गायत्री महामंत्र जाप संपन्न:विश्व शांति और सर्व कल्याण के लिए हुआ तीन दिवसीय महायज्ञ
मधुबनी के जयनगर मुख्यालय स्थित गायत्री शक्तिपीठ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 24 लाख गायत्री महामंत्र अखण्ड जाप महापुरश्चरण का मंगलवार को समापन हो गया। मारवाड़ी विवाह भवन में संपन्न हुए इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य विश्व शांति और सर्व कल्याण की कामना था। यह आयोजन गायत्री शक्तिपीठ ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी के देखरेख में गायत्री परिवार के संयुक्त प्रयास से शुरू हुआ था। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत माँ गायत्री की प्रतिमा के समक्ष वैदिक मंत्रोच्चारण, कलश स्थापना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। 24 लाख गायत्री महामंत्र का सामूहिक जाप किया गया तीन दिनों तक चले इस महापुरश्चरण के दौरान अखण्ड दीप के समक्ष 24 लाख गायत्री महामंत्र का सामूहिक जाप किया गया। इसके अतिरिक्त, भजन-कीर्तन, सत्संग, युग संगीत, जन-जागरूकता प्रवचन, विचार गोष्ठी और पूजन-संकल्प जैसे कई आध्यात्मिक व सामाजिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। श्रद्धालु, साधक और गायत्री परिवार के अनुयायी इस महायज्ञ में शामिल हुए इस दौरान गायत्री परिवार से जुड़े श्रद्धालुओं ने चौबीस कुण्डी गायत्री महायज्ञ, महामृत्युंजय मंत्र साधना, पूर्णाहुति और महाप्रसाद वितरण जैसे अनुष्ठानों में सक्रिय रूप से भाग लिया। जयनगर के साथ-साथ आसपास के गांवों और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु, साधक और गायत्री परिवार के अनुयायी इस महायज्ञ में शामिल हुए। मां गायत्री की साधना और महामंत्र की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला सत्संग सम्मेलन में प्रवचनकर्ताओं ने मां गायत्री की साधना और महामंत्र की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गायत्री महामंत्र के जाप से मन, बुद्धि और आत्मा का शुद्धिकरण होता है, जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। "बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ" अभियान को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की प्रेरणा भी दी प्रवचनकर्ताओं ने समाज को शिक्षित, संस्कारित और नशामुक्त बनाने का संदेश भी दिया। इसके साथ ही, उन्होंने "बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ" अभियान को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की प्रेरणा भी दी। आयोजकों के अनुसार, गुरुदेव के सूक्ष्म संरक्षण में हुए इस सामूहिक अखण्ड जाप से प्रत्येक साधक को दुर्लभ आध्यात्मिक सौभाग्य प्राप्त हुआ। तीन दिवसीय इस दिव्य कार्यक्रम का समापन पूर्णाहुति यज्ञ, महाप्रसाद वितरण और सामूहिक प्रार्थना के साथ हुआ।

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