मठ-मंदिरों को सामाजिक-रचनात्मक कार्यों से जोड़ा जाए:नालंदा में धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष ने कहा- 'अखाड़ा संस्कृति' को बढ़ावा दें

Sep 24, 2025 - 16:30
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मठ-मंदिरों को सामाजिक-रचनात्मक कार्यों से जोड़ा जाए:नालंदा में धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष ने कहा- 'अखाड़ा संस्कृति' को बढ़ावा दें
बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष रणवीर नंदन ने बुधवार को बिहारशरीफ में एक पीसी को संबोधित करते हुए राज्य के मठों और मंदिरों को सामाजिक और रचनात्मक कार्यों से जोड़ने की नई पहल की घोषणा की। उनके साथ वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. सुनील कुमार भी मौजूद थे। रणवीर नंदन ने कहा कि बिहार में लगभग साढ़े चार हजार मठ और मंदिर हैं, जिनमें से नालंदा जिले में 81 न्यास से पंजीकृत हैं। उन्होंने परिषद की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि अब मठ और मंदिर केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रहेंगे। उन्होंने चार प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया। इनमें उन्होंने कहा कि प्रत्येक पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की और अमावस्या पर भगवती की पूजा की परंपरा को फिर से शुरू किया जाए। मठ-मंदिर अपनी क्षमता के अनुसार गरीब बच्चों को पढ़ाई की सामग्री और कोचिंग की सुविधा दें। दहेज मुक्त विवाह का आयोजन कर गरीब बच्चियों का विवाह कराए और हर मठ-मंदिर परिसर में 'अखाड़ा संस्कृति' को बढ़ावा देने की अपील की, ताकि युवा कुश्ती और अन्य खेलों के माध्यम से शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें। उन्होंने बताया कि हाल ही में पटना में आयोजित 'धार्मिक न्यास समागम' में पूरे बिहार से 8 से 9 हजार प्रतिनिधि शामिल हुए थे, जहां मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं ने इस पहल की सराहना की। राजनीतिक विरोधियों पर साधा निशाना रणवीर नंदन ने पटना में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को लेकर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि यह बैठक तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जैसे नेताओं को बचाने का प्रयास है, जिनका भाजपा के सामने कोई अस्तित्व नहीं है। उन्होंने कहा की जमाना बहुत आगे निकल गया है। भारतीय जनता पार्टी में जो लीडरशिप है, उसके सामने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का कोई अस्तित्व नहीं है। उन्होंने परिवारवाद पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा में नेतृत्व बूथ स्तर से खड़ा होता है, जबकि अन्य पार्टियों में परिवार के बाहर के किसी भी प्रतिभाशाली नेता को मौका नहीं मिलता। प्रशांत किशोर के भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि ये सभी बातें व्यक्तिगत हैं और संगठन का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने प्रशांत किशोर को 'दुखी आत्मा' बताया और कहा कि जिन लोगों ने बूथ नहीं देखा है, वे राजनीति पर सवाल उठा रहे हैं।

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