भागलपुर में जितिया पर्व को लेकर गंगा घाटों पर महिला श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। मान्यता है कि नहाए-खाए के दिन गंगा स्नान करने के बाद ही भोजन ग्रहण किया जाता है। इसके साथ ही पर्व की औपचारिक शुरुआत होती है। जो उपवास और पूजा-अर्चना के साथ अगले दिन संपन्न होता है। सुबह से ही बरारी, तिलकामांझी, खिरनघाट, नाथनगर समेत अन्य घाटों पर भक्तों का तांता लगा रहा। महिलाएं अपने परिवार के साथ पहुंचीं और गंगा स्नान कर भगवान से संतानों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना की। कई जगहों पर महिलाओं ने गीत गाए और पारंपरिक तरीके से एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दी। घाटों पर गोताखोर, पुलिस बल की तैनाती श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। घाटों की सफाई कराई गई थी। साथ ही आपदा मित्र, गोताखोर और पुलिस बल की तैनाती की गई थी। ताकि किसी तरह की अनहोनी से बचा जा सके। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग की गई थी। जिला प्रशासन की ओर से नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट किया गया है। घाटों पर साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त कर्मियों को लगाया गया है। इस बार गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। 24 घंटे का निर्जला व्रत जितिया व्रत को बेहद कठिन माना जाता है। 24 घंटे से अधिक का व्रत होता है। इस दौरान व्रती महिलाएं पानी तक नहीं पीती हैं। यह व्रत पुत्र प्राप्ति और उनकी दीर्घायु के लिए किया जाता है।