सुपौल जिले के भीमनगर थाना क्षेत्र में सोमवार को एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। यहां अज्ञात लोगों ने एक नवजात बच्ची को फुलकाहा वैतरणी नहर के किनारे झाड़ी में फेंक दिया। रोने की आवाज ने एक महिला का ध्यान खींचा और उसकी सूझबूझ से बच्ची की जान बच गई। जानकारी के अनुसार, बसंतपुर पंचायत वार्ड संख्या 6 निवासी रूबेदा खातून अपने पति के साथ बाजार से घर लौट रही थीं। इसी दौरान नहर किनारे झाड़ियों से उन्हें बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने झाड़ियों में जाकर देखा तो एक नवजात बच्ची पुराने कपड़े में लिपटी पड़ी थी। यह नजारा देख वे हैरान रह गईं। रूबेदा खातून ने तुरंत आसपास के लोगों को इसकी सूचना दी। स्थानीय लोगों से सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष दीपक कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और चाइल्ड लाइन सुपौल को मामले की जानकारी दी। पुलिस की मौजूदगी में रूबेदा खातून ने बच्ची को अपने घर ले लिया। बताया जा रहा है कि नवजात बच्ची का जन्म हाल ही में किसी अस्पताल में हुआ है, क्योंकि उसके नाभि पर नीले रंग की कैप लगी थी। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बच्ची का जन्म करीब 24 घंटे पहले ही हुआ है। स्थानीय लोगों ने नवजात को फेंकने की घटना को अमानवीय करार दिया। वहीं, ग्रामीण जमशेद अंसारी ने प्रशासनिक नियमों के तहत बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि विभागीय प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही बच्ची को अपने परिवार में रखने की कोशिश करेंगे। उधर, चाइल्ड लाइन की टीम सोमवार शाम भीमनगर पहुंची और बच्ची को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक प्रक्रिया में जुट गई। थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि नवजात बच्ची को झाड़ी में फेंके जाने की सूचना मिलने पर वे तत्काल मौके पर पहुंचे और चाइल्ड लाइन को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बच्ची को सुरक्षित रेस्क्यू कर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।