दरभंगा में दीपावली पर निकली शोभा यात्रा:सभी प्रखंडों में भक्तिमय माहौल, भक्तों ने किया काली पूजा
दीपावली के अवसर पर दरभंगा के विभिन्न प्रखंडों में मां काली की आराधना धूमधाम और भक्ति भाव से की जा रही है। श्रद्धालु गांव-गांव में देवी पूजा, भव्य कलश यात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से इस परंपरा को जीवंत बनाए हुए हैं। माता रानी का पट रात 12 बजे के बाद खुलेगा। हायाघाट प्रखंड के मझौलिया गांव में हर साल की तरह इस बार भी भक्तिमय माहौल में काली पूजा का आयोजन किया गया। सोमवार को यहां 251 कुंवारी कन्याओं की भव्य कलश यात्रा निकाली। यात्रा होरलपट्टी गांव होते हुए विभिन्न रास्ते से गुजरी, जहां ग्रामीणों ने कन्याओं का फूल-मालाओं से स्वागत किया और सभी श्रद्धालुओं के लिए शरबत और नाश्ते की व्यवस्था की गई। गांव का वातावरण “जय मां काली” के जयकारों से गूंज उठा। ग्रामीणों ने बताया कि यह परंपरा सालों से चली आ रही है और गांव की एकता व आस्था का प्रतीक है। सिंहवाड़ा प्रखंड के बिठौली, भरवाड़ा और कंसी गांवों में भी इस अवसर पर भव्य पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। ग्रामीणों ने रातभर माता काली की आराधना की और मंदिरों को दीपमालाओं से सजाया गया। श्यामा पूजा की परंपरा के तहत माता काली की आराधना केवटी प्रखंड क्षेत्र में दीपावली की रात श्यामा पूजा की परंपरा के तहत माता काली की आराधना की गई। दड़िमा, समैला, नयागांव ब्रह्मचारी टोल, बनसारा, भरतपुर और बिरखौली में बड़ी श्रद्धा और उत्साह से पूजा खत्म हुई। समैला गांव में काली पूजा समिति की ओर से आयोजित भव्य कलश शोभा यात्रा आकर्षण का केंद्र रही। शोभायात्रा में 151 कुंवारी कन्याओं ने भाग लिया। शोभा यात्रा काली मंदिर परिसर से निकलकर रनवे-रैयाम पथ होते हुए भैया पोखर पहुंची, जहां पंडित सरोज झा के मंत्रोच्चारण के बीच कन्याओं ने कलश में पवित्र जल भरा। बाद में यात्रा गांव के ब्रह्मस्थान और अन्य देवस्थलों की परिक्रमा करते हुए फिर से पूजा स्थल पर पहुंची। सुरक्षा व्यवस्था में रैयाम पुलिस टीम सक्रिय रही। घनश्यामपुर प्रखंड के सोनहद गांव में 108 नव काली पूजा समिति की ओर से आयोजित पांच दिवसीय काली पूजनोत्सव का शुभारंभ भव्य कलश शोभा यात्रा के साथ हुआ। सुबह 9 बजे काली मंदिर परिसर से यात्रा शुरू होकर कोर्थू और कमला नदी के रुचीघाट होते हुए वापस मंदिर प्रांगण पहुंची। सैकड़ों कुंवारी कन्याएं पारंपरिक परिधान में सिर पर जल भरे कलश लेकर चल रही थीं, जबकि श्रद्धालु देवी स्तुति और भक्ति गीत गा रहे थे। यात्रा में स्थानीय गणमान्य व्यक्ति, प्रशासनिक अधिकारी और सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए।मंदिर पहुंचकर मां काली की विशेष पूजा-अर्चना, आरती और प्रसाद वितरण किया गया। पूजा समिति के सदस्य अमित भारद्वाज, रौशन भारद्वाज, शंकर जी, मुरारी झा, प्रेमचंद्र झा, केशव झा, हरिमोहन झा, सोनू झा, विक्की झा, धीरज कुमार झा, गौतम चौधरी सहित समस्त ग्रामवासी आयोजन में सक्रिय रूप से सम्मिलित रहे।
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