छात्रों ने सर्फ, शैंपू-पानी से की प्रतिमा की सफाई:सहरसा में संविधान दिवस पर अंबेडकर स्टेचू उपेक्षित, नगर निगम पर अनदेखी का आरोप
देशभर में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया गया, लेकिन सहरसा नगर निगम क्षेत्र में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा उपेक्षित मिली। कलेक्ट्रेट जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित इस प्रतिमा पर धूल और गंदगी की मोटी परत जमी हुई थी। इसे देखकर दर्जनों छात्रों ने नगर निगम पर अनदेखी का आरोप लगाया और स्वयं प्रतिमा की सफाई कर श्रद्धांजलि अर्पित की। छात्रों ने चलाया सफाई अभियान, दी श्रद्धांजलि सहरसा के गांधी पथ स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर छात्रावास के छात्रों ने इस स्थिति को देखते हुए सफाई अभियान चलाया। छात्रों ने सर्फ, शैंपू और पानी का उपयोग कर प्रतिमा को साफ किया। सफाई के बाद सभी छात्रों ने प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित कर संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि दी। छात्रावास के छात्र नायक देवेंद्र कुमार ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नगर निगम की अनदेखी के कारण शहर के कई चौक-चौराहों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमाएं धूल-धूसरित रहती हैं। देवेंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि महापुरुषों की प्रतिमाओं की साफ-सफाई के लिए न तो अधिकारियों के पास समय है और न ही कोई उचित व्यवस्था है। उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि संविधान दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर भी प्रतिमा की सफाई नहीं कराई गई। छात्रों सनोज कुमार, संदीप पासवान, अमर भारती, रंजीत कुमार, आनंद भावेश रजक, पवन प्रीतम, अभिषेक कुमार, संजीव, मिंटू कुमार, ऋषि कुमार पासवान सहित अन्य छात्रों ने भी नगर निगम पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कलेक्ट्रेट रोड पर स्थित अंबेडकर प्रतिमा शहर की गरिमा का प्रतीक है, लेकिन इसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। छात्रों ने बताया कि संविधान दिवस के अवसर पर उन्हें स्वयं आगे आकर प्रतिमा की सफाई करनी पड़ी, जिसे उन्होंने अपना कर्तव्य और सम्मान बताया। छात्रों ने नगर निगम प्रशासन से मांग की है कि शहर के सभी प्रमुख स्थलों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमाओं की नियमित सफाई और रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति उत्पन्न न हो।
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