किशनगंज में सेना कैंप का विरोध:किसानों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ अधिकारियों को आवेदन दिया
किशनगंज के कोचाधामन और बहादुरगंज अंचल की सीमा पर प्रस्तावित सेना कैंप का किसानों ने विरोध किया है। सतभीट्टा, सकोर और नटुआ पाड़ा मौजा के किसानों ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के खिलाफ अधिकारियों को आवेदन दिया है। किसानों ने गुरुवार और आज शुक्रवार को किशनगंज के जिला पदाधिकारी, एडीएम और भू-अर्जन पदाधिकारी को आवेदन सौंपा। आवेदन में आसिफ अहमद, गुलाम मुस्तफा, इमरान आलम, अंजार आलम, मुमशाद आलम, मुजम्मिल हुसैन, सवीह अनवर, नाजिर आलम, मुनाजिर आलम, मंजर आलम, जूबेर आलम और आजाद हुसैन सहित कई किसानों के नाम शामिल हैं। 250 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू किसानों ने बताया कि कोचाधामन अंचल के सतभीट्टा कन्हैयाबाड़ी और बहादुरगंज अंचल के नटुआ पाड़ा व सकोर मौजा में प्रस्तावित सेना कैंप के लिए लगभग 250 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है। किसानों का कहना है कि इस अधिग्रहण से सैकड़ों किसान भूमिहीन हो जाएंगे। वे अपनी आजीविका के लिए इसी जमीन पर खेती करते हैं। कुछ किसानों के घर, ईदगाह और कब्रिस्तान भी इसी भूखंड पर स्थित हैं। भुखमरी और पलायन की समस्या उत्पन्न हो जाएगी - किसान किसानों ने आशंका जताई है कि यदि जमीन का अधिग्रहण होता है, तो उनके सामने भुखमरी और पलायन की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि सेना कैंप के लिए ऐसी जगह का चयन किया जाए, जहां बिहार सरकार की अपनी जमीन उपलब्ध हो।
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