125 साल पहले संजय सरावगी का परिवार आया था दरभंगा:परिवार के पहले शख्स जो राजनीति में उतरे; वार्ड काउंसल से लेकर प्रदेश अध्यक्ष पद तक पहुंचे

Dec 18, 2025 - 13:30
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125 साल पहले संजय सरावगी का परिवार आया था दरभंगा:परिवार के पहले शख्स जो राजनीति में उतरे; वार्ड काउंसल से लेकर प्रदेश अध्यक्ष पद तक पहुंचे
बिहार भाजपा के नए अध्यक्ष संजय सरावगी का परिवार करीब 125 साल पहले राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ से बिहार के दरभंगा आया था। संजय सरावगी अपने परिवार के पहले शख्स हैं, जो राजनीति में उतरे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से लेकर वार्ड काउंसलर, फिर विधायक और मंत्री के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे हैं। बिहार भाजपा अध्यक्ष के लिए संजय सरावगी के नाम की घोषणा 15 दिसंबर को हुई थी। आज यानी शुक्रवार को संजय सरावगी पटना में भाजपा कार्यालय पहुंचकर पदभार ग्रहण करेंगे। संजय सरावगी के मंझले भाई अजय सरावगी के अनुसार, सरावगी परिवार मूल रूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले हैं। करीब 125 साल पहले राजस्थान में पड़े अकाल के बाद उनके दादा स्वर्गीय विश्वेश्वर लाल सरावगी रोजगार और कारोबार की तलाश में बिहार आए थे। साल 1940 में विश्वेश्वर लाल सरावगी ने दरभंगा टावर स्थित बड़ा बाजार गांधी चौक पर एक मकान खरीदा। जो आज भी परिवार की पुश्तैनी संपत्ति है। अब कुछ तस्वीरें देखिए... दादा ने दरभंगा में शुरू किया था तेल का कारोबार दादा ने शरीर में लगाने वाले तेल का कारोबार शुरू किया था। इसके बाद संजय सरावगी के पिता परमेश्वर लाल ने कपड़े की दुकान खोलकर व्यवसाय को आगे बढ़ाया। उधर, परमेश्वर सरावगी के तीनों बेटे (संजय, अजय और विजय) में से संजय सरावरी पढ़ाई के साथ-साथ पिता के कारोबार में हाथ बंटाने लगे। संजय सरावगी ने सरसों तेल के निर्माण-पैकिंग का अपना अलग कारोबार शुरू किया। आगे चलकर उन्होंने 'आर्यभट्ट कंपनी' के नाम से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय भी शुरू किया। हालांकि बाद में बसों का संचालन बंद कर दिया गया। परिवार के अन्य सदस्य मंझले भाई अजय और छोटे भाई विजय कुमार भी व्यवसाय से जुड़े हैं। दोनों बेटे भुवन सरावगी और रचित सरावगी मखाना कारोबार से जुड़े हुए हैं। संगठन में संजय सरावगी की अच्छी पकड़ संजय सरावगी का जन्म 28 अगस्त 1969 को दरभंगा में हुआ था। बचपन खगड़िया में बीता। जहां उन्होंने क्लास छह तक पढ़ाई की। मैट्रिक राज हाई स्कूल, जबकि उच्च शिक्षा सीएम कॉलेज से पूरी की। व्यवसाय, संगठन और जनसंपर्क तीनों क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखने वाले संजय सरावगी आज भाजपा के उन नेताओं में गिने जा रहे हैं, जिन्होंने जमीन से उठकर शीर्ष तक पहुंचने की मिसाल कायम की है। छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे संजय सरावगी वर्ष 1989 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े और लगभग 10 वर्षों तक संगठन के विभिन्न पदों पर रहकर काम किया। इसके बाद भाजपा युवा मोर्चा, मंडल और जिला संगठन में अहम जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए आगे बढ़े। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, संजय सरावगी की सफलता के पीछे आरएसएस और पार्टी संगठन में उनकी गहरी पैठ, आम जनता से सहज संवाद, सरल-सौम्य स्वभाव, नेतृत्व के प्रति निष्ठा और लगातार छह बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड प्रमुख कारण रहा है। संगठन के हर स्तर पर काम करने के कारण उनकी छवि एक मजबूत जमीनी नेता, कुशल रणनीतिकार और अनुशासित कार्यकर्ता की बनी है। पिता परमेश्वर बोले- बेटे को मैंने कभी नहीं रोका प्रदेश अध्यक्ष बनने पर परिवार के सदस्य काफी खुश हैं। पिता परमेश्वर लाल सरावगी ने भावुक होते हुए कहा कि यह दिन उनके परिवार के लिए गर्व और खुशी का है। पहले की तरह मेरा बेटा जनता की सेवा करता रहेगा। पिता ने कहा कि बड़ा बेटा संजय शुरू से ही जनसेवा की भावना से जुड़े रहे हैं। परिवार से ज्यादा उसका जुड़ाव हमेशा आम लोगों से रहा। बचपन से ही उसका विचार लोगों की सेवा करने का था। जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव से सेवा करता है, वह आगे बढ़ता ही है। पद मिलना या न मिलना भगवान के हाथ में है, लेकिन अच्छा काम करने वाले को ईश्वर जरूर फल देता है। परमेश्वर सरावगी ने कहा कि मैं आज 78 वर्ष का हूं। संजय बचपन से ही राजनीति की ओर आकर्षित था। विद्यार्थी परिषद से जुड़ा, फिर वार्ड काउंसलर बना। लगातार जनसेवा में सक्रिय रहा। शुरुआती दौर में व्यवसाय किया, लेकिन वहां मन नहीं लगा। वे पूरी तरह जनसेवा में लग गए। हम लोगों ने उसे पूरी छूट दी। देश और जनता की सेवा से बड़ा कोई काम नहीं हो सकता। भाई व्यवसाय करते हैं, कमाते हैं। संजय जनता के लिए खर्च करता रहा। हमें इससे कभी कोई आपत्ति नहीं हुई। दोनों बेटों ने कहा- पिता को जो जिम्मेदारी मिली, उसे निभाएंगे प्रदेश अध्यक्ष के बड़े बेटे भुवन सरावगी ने कहा कि बचपन से ही परिवार के लिए पापा को समय कम मिला, लेकिन कभी कोई मलाल नहीं रहा। जनता और संगठन के प्रति उनका समर्पण हम सभी के लिए गर्व की बात है। छोटे बेटे रचित सरावगी ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पूरे परिवार का धन्यवाद और आभार है। पिताजी ने हमेशा संगठन की जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा के साथ निभाया है और इस नई जिम्मेदारी को भी पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। हमें पूरा विश्वास है कि वह पार्टी को और मजबूत बनाएंगे। भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष बोलीं- पूरे मिथिलांचल के लिए गौरव की बात है भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सपना भारती ने कहा कि दरभंगा में बच्चा-बच्चा संजय सरावगी को उनके कार्यों से पहचानता है। भाजपा जिला महामंत्री अंकुर गुप्ता ने कहा कि एक सामान्य परिवार से निकलकर विद्यार्थी परिषद से राजनीति की शुरुआत करते हुए संगठन में निरंतर समर्पण के साथ आगे बढ़े हैं। भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है, जहां आम कार्यकर्ता को प्रदेश अध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी मिलती है। इससे पूरे संगठन का मनोबल बढ़ा है। संगीत साहू ने कहा कि मोदी है तो मुमकिन है का नारा एक बार फिर साबित हुआ है। संजय सरावगी पद के पीछे नहीं गए, बल्कि पद खुद उनके पास आया। यह पूरे मिथिलांचल के लिए गौरव का विषय है। बालेंदु कुमार झा ने इसे सभी कार्यकर्ताओं के लिए ऐतिहासिक और प्रेरणादायक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि लगातार छह बार विधायक रहकर संगठन और सरकार दोनों में बेहतर कार्य करने के कारण केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया है। यह फैसला भाजपा कार्यकर्ताओं के मनोबल को और मजबूत करेगा।

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