कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड में ट्रायल शुरू:आज दूसरे गवाह की होगी कोर्ट में पेशी, बेटे ने इससे पहले दी थी गवाही

Dec 17, 2025 - 08:30
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कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड में ट्रायल शुरू:आज दूसरे गवाह की होगी कोर्ट में पेशी, बेटे ने इससे पहले दी थी गवाही
चर्चित व्यवसाई गोपाल खेमका हत्याकांड का ट्रायल शुरू हो गया है। कोर्ट में इस मामले पर स्पीडी ट्रायल चल रहा है। 8 दिसंबर को पिछली और पहली गवाही थी। जिसमें मृतक के बेटे डॉक्टर गौरव खेमका ने कोर्ट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था। उन्होंने कोर्ट को बताया था FIR कराई गई है। पिता जी रोज की तरह घर से क्लब गए थे। लौटकर घर के पास पहुंचे तब तक अपरधियों ने उन्हें गोली मार दी। इसके बाद हम सभी उन्हें अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। आज इस मामले में दूसरी गवाही होगी। मृतक के भतीजे कृष्णा खेमका भी इस घटना के गवाह हैं। आज कोर्ट के सामने अपना बयान दर्ज कराएंगे। इससे पहले पटना पुलिस अपनी डायरी में उनके बयान को रिकॉर्ड कर चुकी है। गांधी मैदान से 500 मीटर दूर मारी थी गोली पटना के गांधी मैदान के पास थाने से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित उनके आवास के पास अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर 4 जुलाई 2025 की देर रात 11:30 बजे हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया था कि हत्या की साजिश अशोक साह ने रची थी। इसके लिए अशोक ने पटना सिटी के रहने वाले उमेश राय को 4 लाख में सुपारी दी थी। जिसमें से एडवांस के तौर पर उमेश को 50000 रुपए मिले थे और रुपए घटना को अंजाम देने के बाद मिलने वाले थे। पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक ऑडियो क्लिप भी सुनाया गया था, जिसमें अशोक साह और गोपाल खेमका के बीच के हॉट-टॉक हुआ था। 7 साल पहले बड़े बेटा की हुई थी हत्या सेम पैटर्न पर 7 साल पहले 2018 में गोपाल खेमका के बड़े बेटे गुंजन खेमका की भी हत्या हुई थी। अज्ञात अपराधियों ने पिता की तरह ही इंडस्ट्रियल एरिया हाजीपुर में फैक्ट्री के पास गोली मार दी थी। जिसमें उनकी मौत हो गई थी। हालांकि उनका चालक बच गया था। घटना के बाद गार्ड ने दी थी जानकारी गोपाल खेमका के गेट पर तैनात गार्ड राम पारस ने मीडिया में घटना के बाद बताया था कि 'मैंने गोपाल खेमका की कार को आते देखा और अपनी कुर्सी से उठ गया। उन्होंने हॉर्न बजाया और जैसे ही मैं गेट की तरफ बढ़ा, मुझे गोलियों की आवाज सुनाई दी। रात के करीब 11.30 बजे थे। मैं गेट पर पहुंचा तो देखा कि वे खून से लथपथ पड़े थे, लेकिन उनकी सांसें चल रही थीं। पुलिस रात 2.30 बजे के बाद आई थी।'

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