6 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी में 3 आरोपी गिरफ्तार:मोतिहारी पुलिस ने इंटरस्टेट साइबर ठगी गिरोह का किया भंडाफोड़
मोतिहारी साइबर थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 6 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में गुरुवार रात 3 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों से देश के कई राज्यों में दर्ज साइबर ठगी के मामलों का खुलासा हुआ है। साइबर DSP अभिनव परासर ने बताया कि साइबर थाना की तकनीकी निगरानी टीम को एक बैंक खाता संख्या 20100018589939 में संदिग्ध लेनदेन की जानकारी मिली थी। जांच में सामने आया कि साइबर पुलिस पोर्टल पर इस खाते से जुड़ी कुल 10 शिकायतें विभिन्न राज्यों से दर्ज थीं। शिकायतकर्ताओं ने फर्जी ऐप के माध्यम से स्टॉक मार्केट में निवेश, आईपीओ खरीद, एमओ डिजिटल अरेस्ट जैसे तरीकों से ठगी की शिकायत की थी। पुलिस ने मुजफ्फरपुर से जितेंद्र कुमार को हिरासत में लिया तकनीकी जांच के बाद खाताधारक की पहचान मधुबन थाना क्षेत्र के दुलमा गांव निवासी भरत प्रसाद के रूप में हुई। पूछताछ में भरत प्रसाद ने बताया कि उसने अपना बैंक खाता, मोबाइल नंबर, एटीएम कार्ड और चेकबुक सिविल स्कोर सुधारने के नाम पर राजेपुर निवासी जितेंद्र कुमार को दिए थे। इसके बाद पुलिस ने मुजफ्फरपुर से जितेंद्र कुमार को हिरासत में लिया। जितेंद्र से गहन पूछताछ के बाद उसने अपने सहयोगी अमल प्रकाश और ओम प्रकाश के नाम बताए। अमल प्रकाश और ओम प्रकाश को सीतामढ़ी जिले से गिरफ्तार किया जितेंद्र कुमार की निशानदेही पर पुलिस ने अमल प्रकाश और ओम प्रकाश को सीतामढ़ी जिले से गिरफ्तार किया। इनके पास से 1 लाख 20 हजार रुपए नकद, 18 एटीएम कार्ड, 5 मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल, 6 सिम कार्ड, पासबुक और चेकबुक बरामद की गई। तकनीकी जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इन आरोपियों ने विभिन्न खातों के माध्यम से लगभग 6 करोड़ रुपए की ठगी की थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान जितेंद्र कुमार (काशीपकरी), अमल प्रकाश (प्रेमनगर) और ओम प्रकाश (डुमरा, सीतामढ़ी) के रूप में हुई है। तीनों के खिलाफ मोतिहारी साइबर थाना में साइबर ठगी का मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। आसानी से लोन दिलाने का दिया था लालच साइबर थाना पुलिस की पूछताछ में भरत प्रसाद ने बताया कि बिजनेस लोन के लिए जितेंद्र से संपर्क किया था। जितेंद्र पेशे से सीए बताया जा रहा है, वह पांच-छह माह से साइबर ठगी में संलिप्त है। जितेंद्र ने भरत से बैंक पासबुक, चेकबुक, एटीएम व खाते से लिंक सिम मांगा था। कहा कि लोन दिलाने में परेशानी नहीं आएगी। लालच में उन्होंने सभी डॉक्यूमेंट्स दे दिए। उसने लोन प्रोसेसिंग के नाम पर 5000 हजार रुपए अलग से लिए। मई में खाते से राशि निकाल ली गई।
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