25 नवंबर से फाइलेरिया खत्म करने के लिए सर्वे:गया में रक्त के नमूने इकट्ठे किए जाएंगे, लैब टेक्नीशियनों को मिली ट्रेनिंग
गया में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 25 नवंबर से नाइट ब्लड सर्वे अभियान शुरू होगा। यह अभियान जिले के 24 प्रखंडों के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ-साथ शहर के सात शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में चलाया जाएगा। इस दौरान रक्त के नमूने एकत्र किए जाएंगे। इस अभियान की तैयारी में गुरुवार को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लैब टेक्नीशियनों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका आयोजन जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग और जिला स्वास्थ्य समिति ने किया। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एमई हक ने प्रतिभागियों को रक्त के नमूने लेने और उन्हें सुरक्षित रखने के तकनीकी तरीके सिखाए। प्रशिक्षण में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय नाथ, सहायक प्रोफेसर डॉ. रमेश प्रसाद, पैथोलॉजिस्ट डॉ. राजेश कुमार, आर्मी हॉस्पिटल और सीआरपीएफ के लैब टेक्नीशियन, फाइलेरिया विभाग से अजय कुमार, पंकज कुमार, शिवनारायण वर्मा सहित सभी सीएचसी और पीएचसी के लैब टेक्नीशियन उपस्थित रहे। किट उठाने का निर्देश दिया डॉ. एमई हक ने सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों और संबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों को नाइट ब्लड सर्वे के लिए किट उठाने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग को अब प्रभावती अस्पताल परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह नाइट ब्लड सर्वे शेरघाटी, आमस, परैया, इमामगंज, फतेहपुर, गुरारू, बेलागंज, मोहरा, गुरुआ, खिजरसराय, बाराचट्टी, डोभी, बांकेबाजार, मोहनपुर, टनकुप्पा, डुमरिया सहित अंबेडकर नगर, रामसागर, कटारी हिल, घुघरीटांड, डेल्हा और भुसंडा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में किया जाएगा। इन स्थानों पर साल 2024 में किए गए पिछले नाइट ब्लड सर्वे में माइक्रोफाइलेरिया की दर एक प्रतिशत या उससे अधिक पाई गई थी। इसी कारण इन क्षेत्रों में नाइट ब्लड सर्वे गतिविधि के लिए दो साइटों (एक सेंटिनल और एक रैंडम) का फिर से चयन किया गया है। प्रत्येक साइट से रात के समय तीन-तीन सौ स्लाइड यानि छह सौ स्लाइड लेना है। एनबीएस साइट के लिए पांच-पांच सदस्यीय टीम तैयार की गयी है। इसके अलावा नौ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर तीन साइट चयन बनाये गये हैं। इनमें इनमें टिकारी, कोंच, नीमचक बथानी, अतरी, बोधगया, वजीरगंज, सदर प्रखंड, मानपुर पीएचसी तथा तेलबीघा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के क्षेत्र शामिल हैं। रात के समय अधिक सक्रिय होता है परजीवी डॉ एमई हक ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे में रक्त सैंपल लिये जाते हैं। इन सैंपलों का राज्य स्तरीय लैब में जांच की जाती है। इससे माइक्रो फाइलेरिया परजीवी से ग्रसित लोगों की पहचान होती है। रात में माइक्रो फाइलेरिया परजीवी अधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए रात में ही रक्त के नमूने लिये जाते हैं। इसके बाद सर्वजन दवा सेवन अभियान संचालित किया जायेगा। इस अभियान में लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया जायेगा। 20 साल से अधिक उम्र के युवाओं को रक्त की जांच अवश्य करानी चाहिए। फाइलेरिया के कारण हाथीपांव या अंडकोश में सूजन जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। साथ ही जनन अंगों में फाइलेरिया होने का भी खतरा रहता है।
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