राजद की गोबिंदपुर-बनियापुर सीटिंग सीट मांग रही कांग्रेस:इंटरनल सर्वे में कांग्रेस ने यहां जीत का किया दावा, 3 सीनियर ऑब्जर्वर को चुनाव की कमान

Oct 6, 2025 - 08:30
 0  0
राजद की गोबिंदपुर-बनियापुर सीटिंग सीट मांग रही कांग्रेस:इंटरनल सर्वे में कांग्रेस ने यहां जीत का किया दावा, 3 सीनियर ऑब्जर्वर को चुनाव की कमान
बिहार चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं। हर पार्टी अपनी-अपनी जीत का फॉर्मूला सेट करने में लगी है। महागठबंधन में राजद और कांग्रेस अपना वर्चस्व बनाने में जुटी हुई है। चार दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजद सुप्रीमो लालू यादव से बात की और 5-7 राजद की सीटिंग सीट की डिमांड की। इसमें नवादा का गोबिंदपुर और सारण का बनियापुर सीट शामिल है। इस बात के बाद राजद का खेमा थोड़ा नाराज चल रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस ने शनिवार को AICC के तीन सीनियर ऑब्जर्वर की नियुक्ति की है। इस स्टोरी में जानिए कांग्रेस इन ऑब्जर्वर को नियुक्त कर क्या रणनीति अपनाना चाह रही है... बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को AICC के तीन सीनियर ऑब्जर्वर की नियुक्ति की है। इसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल, राजस्थान के पूर्व CM अशोक गहलोत और कांग्रेस के सीनियर लीडर अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं। इन तीनों नेताओं के अनुभव को देखते हुए कांग्रेस ने बिहार चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, 41 डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन आब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। ये सभी ऑब्जर्वर विधायक, पूर्व विधायक या फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। ये तीनों सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन में अहम भूमिका निभाएंगे। यह सभी लोग नेतृत्व के रूप में बिहार आएंगे। प्रत्याशी को नीतिगत निर्देश देंगे, सब की बात सुनेंगे, नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए उपलब्ध रहेंगे। प्रत्याशी अपना अभियान किस दिशा में लेकर जाएं यह सुनिश्चित करेंगे। चुनाव के दौरान हर जिले में होने वाले स्टार प्रचारक की रैली का सुचारू आयोजन सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही कांग्रेस के नाराज नेताओं को मनाएंगे और लालू यादव से सीटों के बंटवारे पर बातचीत कर सकेंगे। 10 अक्टूबर के बाद सभी ऑब्जर्वर की होगी पटना में बैठक कांग्रेस सूत्र के अनुसार 2-3 दिन में यह तय हो जाएगा कि किस ऑब्जर्वर को कौन-सा जिला दिया जा रहा है। इन सभी आब्जर्वर की कॉमन बैठक 10 अक्टूबर के बाद पटना में होगी। कांग्रेस बड़े पैमाने पर बिहार में OBC-EBC प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। अशोक गहलोत और भूपेश बघेल OBC-EBC राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं। वहीं, सीमावर्ती इलाकों में पश्चिम बंगाल कांग्रेस के पूर्व परदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का अपना एक प्रभाव है। मुस्लिमों के बीच में उनकी एक अपनी छाप है। सीमांचल का इलाका बंगाल से बॉर्डर शेयर करता है। वहां की 25-30 सीटों पर इनका प्रभाव हो सकता है। इसलिए आलाकमान ने इन्हें चुना है। प्रभारी अल्लावरू से बात करने में लालू नहीं है सहज पार्टी सूत्रों के मुताबिक दूसरी ओर लालू यादव से बात करने के लिए उनके ही समक्ष नेता की ज़रूरत महसूस हो रही थी। प्रभारी कृष्णा अल्लावरू एकदम कट टू कट बात करते हैं। ऐसा माना जा रहा था कि लालू यादव प्रभारी कृष्णा अल्लावरू से बात करने में सहज नहीं थे, क्योंकि वो एक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्हें उन्हीं के लेवल का कोई व्यक्ति चाहिए था। इसलिए बातचीत को सहज रखने के लिए ही भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को लगाया गया है जो कि खुद पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस के इंटरनल सर्वे में राजद के सीटिंग सीट पर मिल रही जीत वहीं, चार दिन पहले राहुल गांधी और लालू यादव की फोन पर बातचीत हुई थी, जिसमें कांग्रेस ने राजद की 5 से 7 सीटिंग सीट मांगा है। इसमें से एक नवादा का गोबिंदपुर और सारण का बनियापुर सीट शामिल है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस के इंटरनल सर्वे में यह बात सामने आई है कि कांग्रेस के प्रत्याशी उस सीट को जीतने के बेहतर स्थिति में है। कांग्रेस बिहार में EBC-OBC की राजनीति कर रही सीनियर जर्नलिस्ट प्रियदर्शी रंजन कहते हैं कि कांग्रेस बिहार में EBC-OBC की राजनीति कर रही है। वह ये मैसेज देने की कोशिश में है कि कांग्रेस जो अचीव करना चाहती है, उसके लिए तमाम प्रयास कर रही है। इसलिए इन ऑब्जर्वर की नियुक्ति की गई है, जो उस वर्ग को प्रभावित कर सकें। अखिलेश सिंह को अध्यक्ष पद से हटाया जाना भी इसी कड़ी का एक हिस्सा था, ताकि या मैसेज जा सके कि दलितों, पिछड़ों और ओबीसी की राजनीति कांग्रेस एकजुट होकर कर रही है। राजद-कांग्रेस के कम्युनिकेशन गैप को पाटने की कोशिश दूसरी ओर महागठबंधन के अंदर सीटों का तालमेल नहीं बैठ रहा है। प्रियदर्शी रंजन ने आगे कहा कि राजद के किसी भी नेता को अल्लावरू बड़े स्तर पर एंटरटेन करने को तैयार नहीं है और लालू का कद इतना बड़ा है कि वह अल्लावरू जैसे नेताओं के सामने झुक नहीं सकते। लालू यादव से बात करने की स्टेटस या तो राहुल गांधी, सोनिया गांधी या फिर गांधी परिवार के करीबी नेता जिसमें अशोक गहलोत, भूपेश बघेल आते हैं, उनमें है। ऐसे में लालू से बात करना आसान हो जाएगा। महागठबंधन के अन्दर अगर सीटों का तालमेल सही रखना है, तो लालू यादव को नाराज़ करके बेहतर नहीं कर सकते हैं। राजद और कांग्रेस के बीच में जो कम्युनिकेशन गैप बढ़ा हुआ है, उस खाई को पाटने की कोशिश की जा रही है। राहुल गांधी की बिहार में सक्रियता से राजद की जमीन खिसकी सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस पहले से ही राजद को दबाव में रखी हुई है। राहुल गांधी की बिहार में सक्रियता से राजद की जमीन खिसकी है। जन समर्थन को लेकर कांग्रेस ने अपनी ताकत दिखाई और अब सीटों में भी वो वही करना चाहती है। कांग्रेस को जीताऊ सीट चाहिए। उसे ऐसी सीट नहीं चाहिए जहां महागठबंधन का कोई भी दल दो-तीन दशकों से चुनाव नहीं जीता हो। इसलिए सभी बातों पर नेगोशिएट करने के लिए ये सीनियर ऑब्जर्वर बिहार के चुनावी रण में उतरेंगे।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0
E-MEDIA NEWS Administrator at E-Media News