नवादा : गड्डे में डूबी बच्ची को बचाने की कोशिश में मां व तीन बहनों की भी मौत
स्थानीय लोगों के मुताबिक, दीवार बनाने के लिए जेसीबी से मिट्टी खोदकर गड्डा खुला छोड़ दिया।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, दीवार बनाने के लिए जेसीबी से मिट्टी खोदकर गड्डा खुला छोड़ दिया।
पीड़ित परिवार ने डीएम से कहा- पहले चारों की जान का मुआवजा दो फिर पोस्टमार्टम कराएंगे।
नवादा (पकरीबरावां) | राजेश प्रसाद
जहां-तहां जमीन खोदकर निकाली जा रही मिट्टी आम लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है और जिम्मेदारों को इसकी जानकारी तभी होती है जब कोई बड़ा हादसा पेश आता है। बिहार के नवादा में जेसीबी से किए गए एक बड़े गड्डे में भरे पानी के चलते मां-बेटी व दो सगी बहनों की मौत हो गई जबकि इसी परिवार की पांचवीं सदस्य जिंदगी की जंग लड़ रही है। हादसे से बदहवास पीड़ित परिवार सदर अस्पताल में मौजूद है और डीएम से फोन लगाकर मांग की है कि तीन लड़कियों व एक महिला की मौत के लिए कम से कम चार लाख का मुआवजा दिया जाए तब ही वे शवों का पोस्टमार्टम कराएंगे।
घटना के बाद बिलखती परिवार की महिलाएं।
करमा पूजा के लिए मिट्टी लाने गई थीं चाची-भतीजियां
यह घटना पकरीबरावां प्रखंड के दत्तरौल गांव की है जहां कृष्णा पासवान के घर में करमा पूजा की तैयारियां चल रही थीं। कृष्णा पासवान पंचायत समिति के सदस्य हैं। उनकी दो बेटियां अपनी चाची और दो चचेरी बहनों के साथ आहर से मिट्टी लाने के लिए गई थीं। बता दें कि बिहार में आहर ऐसे जलाशयों को कहते हैं जो तालाब से बड़े होते हैं पर उनमें पानी बरसात में ही जमा होता है। करमा पूजा में चिकनी मिट्टी से शंकर-पार्वती का परिवार बनाकर उन्हें पूजने व अगले दिन विसर्जित करने की प्रथा है। बताया जाता है कि मरने वाली महिला व तीन लड़कियों में से अधिकांश ने व्रत रखा हुआ था।
सबसे पहले गड्डे में खुशी डूबी
बच्ची को डूबने से बचाने में बाकी तीनों की मौत
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आहर से मिट्टी लेने के बाद महिला व चारों लड़कियां नहाने लगे। इसी दौरान सबसे छोटी बच्ची गहरे पानी में चली गई और डूबने लगी। उसे बचाने की कोशिश में उसकी मां और फिर एक-एक करके बाकी तीन लड़कियां भी गड्डे में डूब गईं। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें निकाला पर चार को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया। बताया जाता है कि आहर के रास्ते से जा रहे एक व्यक्ति को पानी में सिर के बाल तैरते दिखे तो उसने शोर मचाकर बाकियों को बुलाया और उस लड़की के जरिए पता लगा कि आहर में और लोग भी डूबे हुए हैं। सबसे पहले निकाली गई लड़की की ही जान बच पाई है।
मां ज्योति देवी
मृतकों की पहचान 11 साल की खूशबू और उसकी मां ज्योति (33) के रूप में की गई है जिनके पति का नाम शंभु पासवान है। इसी परिवार के कृष्णा पासवान की बेटी अनामिका कुमारी(12) व पूजा कुमारी(18) की भी मौत हुई जो सगी बहनें हैं। साथ ही, इस हादसे में राजेन्द्र पासवान की 20 साल की बेटी प्रियंका कुमारी की हालत नाजुक है जो सदर अस्पताल में भर्ती है।
अनामिका
पूजा
गड्डा खोदकर छोड़ देने से हुई घटना
स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले ही कुछ लोगों ने घर की दीवार बनाने के लिए जेसीबी से आहर के पास गड्डा करके मिट्टी निकाली थी, उस गड्डे को नहीं भरा गया। बरसात के चलते आहर में पानी भरा और गड्डे तक भी पहुंच गया। नहाते हुए महिला व बच्चों को गहरे गड्डे का अंदाजा ही नहीं हुआ।
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