आज शाम 6 बजे से पावापुरी महोत्सव का शुभारंभ:नालंदा में भगवान महावीर का 2551वां निर्वाण दिवस, सिंगर दीक्षा टूर का होगा परफॉर्मेंस
भगवान महावीर की पावन निर्वाण स्थली पावापुरी एक बार फिर आस्था, संस्कृति और संगीत के त्रिवेणी संगम का साक्षी बनने जा रही है। भगवान महावीर के 2551वें निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले दो दिवसीय ऐतिहासिक पावापुरी महोत्सव का शुभारंभ आज से हो रहा है। इस साल के महोत्सव की खास बात यह है कि देश की जानी-मानी गायिका दीक्षा टूर और प्रतिष्ठित गायक अवशेष जैन अपनी मधुर प्रस्तुतियों से इस आयोजन को यादगार बनाएंगे। स्थानीय लोगों और संगीत प्रेमियों में इस भव्य आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से पावापुरी के आसपास के क्षेत्रों में तैयारियां जोरों पर चल रही थीं। महोत्सव स्थल को भव्य रूप से सजाया गया है और रंगारंग कार्यक्रमों के लिए मंच तैयार किया गया है। शाम छह बजे से होगा कार्यक्रमों का आगाज एनडीसी साकेत कुमार ने इस महोत्सव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इन्होंने बताया है कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आगाज शाम छह बजे से होगा। इस बार हमने एक विशेष पहल की है - राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ-साथ हमारे स्थानीय प्रतिभाशाली कलाकारों को भी समान रूप से मंच प्रदान किया जाएगा। यह पहल न केवल स्थानीय कला को बढ़ावा देगी, बल्कि हमारे युवा कलाकारों को राष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा अवसर भी देगी।" स्थानीय प्रतिभाओं को मिलेगा विशेष मंच सोमवार को होने वाले कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकार अपनी गायकी, नृत्य और पारंपरिक लोक कलाओं की प्रस्तुति देंगे। यह पहल इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि इससे क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। स्थानीय कलाकारों का कहना है कि यह उनके लिए बेहद गौरव की बात है कि उन्हें इतने बड़े मंच पर अपनी कला प्रस्तुत करने का अवसर मिल रहा है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम महोत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और दर्शकों के आगमन की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। डीडीसी श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर ने प्रशासनिक तैयारियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "हमने भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि श्रद्धालुओं और दर्शकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। चिकित्सा सुविधाओं सहित सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। पावापुरी जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थल पर होने वाले बड़े आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था का विशेष महत्व होता है। प्रशासन ने इस बार विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अलग से इंतजाम किए हैं। संस्कृति और विरासत को संजोने का माध्यम डीसीएलआर राजीव रंजन ने इस महोत्सव के व्यापक उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पावापुरी महोत्सव महज मनोरंजन का साधन नहीं है। यह भगवान महावीर के शाश्वत संदेशों - अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह और करुणा - को समकालीन संदर्भ में नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक प्रभावशाली और सार्थक माध्यम है। साथ ही, यह नालंदा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने और उसे आगे बढ़ाने का भी एक सशक्त मंच है। निर्वाण भूमि का विशेष महत्व पावापुरी वह पावन धरती है जहां भगवान महावीर ने 527 ईसा पूर्व में निर्वाण हासिल किया था। जैन समुदाय के लिए यह स्थल अत्यंत पवित्र माना जाता है। हर साल दीपावली के अवसर पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। पावापुरी में स्थित जलमंदिर, जो कमल तालाब के बीचोंबीच स्थित है, विश्वप्रसिद्ध है।
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