समस्तीपुर में बूढी गंडक नदी में आई बाढ़ के कारण शहर और आसपास के अधिकतर छठ घाट डूब चुके है। जिससे 5 दिनों बाद होने वाले महापर्व छठ में छठ व्रती अर्घ्य कहां पर देंगे इसको लेकर सवाल उठ खड़ा हुआ है। चुनाव की तैयारी में प्रशासन के लगे रहने के कारण इस और ध्यान नहीं जा रहा है। यहां बता दें कि समस्तीपुर शहर के बीचो-बीच से गुजरने वाली बूढी गंडक नदी पर लाखों की संख्या में लोग महापर्व छठ के मौके पर अर्घ्य देने के लिए जुटते हैं। धर्मपुर से जितवारपुर तक डूबे हुए हैं घाट बूढी गंडक नदी में आई बाढ़ के कारण शहर के धर्मपुर से लेकर जितवारपुर तक 3 किलोमीटर में सभी घाट डूबे हुए हैं। यह इलाका नगर निगम क्षेत्र में पड़ता है। इसके अलावा भी नदी के किनारे बसे लोग नदी तट पर छठ पूजा करते हैं। घाटों के डूबे रहने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि काफी दिनों बाद ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है, जब छठ के मौके पर नदी में बाढ़ है। पानी इतना अधिक है कि लोगों को बांध पर से ही अर्घ्य देना पड़ेगा। नगर निगम की अध्यक्ष अनीता राम ने कहा कि बूढी गंडक नदी में अप्रत्याशी पानी को देखते हुए नदी तट के किनारे जहां-जहां पर ऊंचे स्थान हैं। वहां पर साफ सफाई कर गड्ढा कर पानी डाला जा रहा है। ताकि वहां छठ व्रती पूजा अर्चना कर सकें । हालांकि उन्होंने कहा कि बूढी गंडक नदी तट पर जितनी संख्या में लोग पूजा करने के लिए पहुंचते हैं, उतनी व्यवस्था संभव नहीं है। लोगों को अपने घरों पर भी ऑप्शनल व्यवस्था कर पूजा अर्चना करना चाहिए।