महाबोधि महाविहार में अंतर्राष्ट्रीय सिवरा दान समारोह:पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे 1250 भिक्षुओं-भिक्षुणियों ने की प्रार्थना; शांति, सद्भाव की कामना की
बोधगया के महाबोधि महाविहार में पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे अंतर्राष्ट्रीय पवित्र महा संघ सिवरा (वस्त्र) दान समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में विभिन्न देशों के 1,250 भिक्षुओं और भिक्षुणियों ने भाग लिया। वे विश्व शांति, सद्भाव और सभी संवेदनशील प्राणियों के आध्यात्मिक कल्याण के लिए प्रार्थना करने हेतु एकत्रित हुए थे। यह आयोजन वैश्विक बौद्ध समुदाय के भीतर एकता और भक्ति का प्रतीक था। बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति ने सभी भिक्षुओं, भिक्षुणियों, भक्तों और प्रायोजकों को उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। ऐसे अंतर्राष्ट्रीय दान धम्म भावना को बनाए रखते हैं और बौद्ध राष्ट्रों के बीच मैत्री व आध्यात्मिक सद्भाव को मजबूत करते हैं। मंगलाचरण और बुद्ध वंदना से हुई कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण एवं बुद्ध वंदना के साथ हुआ। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय भिक्षु संघों के वरिष्ठ भिक्षुओं ने धर्मदेशना दी, जिसमें उन्होंने दान, करुणा और मैत्री भाव के महत्व पर प्रकाश डाला। समारोह में उपस्थित सैकड़ों भिक्षुओं, बौद्ध अनुयायियों और श्रद्धालुओं ने बोधि वृक्ष की छाया में सामूहिक प्रार्थना कर विश्व शांति और मानवता के कल्याण की कामना की।कार्यक्रम के अंत में भिक्षुओं को 'सिवरा दान' अर्पित किया गया, जिसे बौद्ध परंपरा में पुण्य का सर्वोच्च कार्य माना जाता है। यूनेस्को विश्व धरोहर है बोधगया का महाबोधि महाविहार बोधगया का महाबोधि महाविहार यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। इस स्थल पर आयोजित यह समारोह अध्यात्म, श्रद्धा और अंतरराष्ट्रीय एकता का अद्भुत संगम बन गया। अंतर्राष्ट्रीय पवित्र महासंघ के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन विश्वभर में बौद्ध एकता और करुणा के भाव को सशक्त बनाने के लिए निरंतर आयोजित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर करुणा, दान और शांति का संदेश दिया गया।
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